Bhairav Kavach, भैरव कवच

Bhairav Kavach | भैरव कवच 

Bhairav Kavach (भैरव कवच) is a very powerful kavach. This kavach protects the person from all Tantra mantra, Ghost, Enemy obstacle, Black magic, Hypnotism etc. Recitation of this kavach removes obstacles in the life of person, and his pending and spoiled work start getting done. If a person is under the influence of black magic or evil eye, due to which he is unnecessarily afraid of something or the other, He feels someone’s presence around him again and again, who want to harm him. Due to which he is having nightmares at night, and not even sleeping well, so in such a situation, that person must recite Bhairav Kavach.

The person gets protected from all the ghostly obstacle by reciting this kavach and inner fear goes away. If a person whose enemies have put him into bad habits like Gambling, Alcohol, Cigarette etc. he wants to get rid of all these drugs and bad habits, but even after trying hard, he is not able to get rid of it. So, in such a situation, a person must wear Bhairavi Gutika along with reciting Bhairav Kavach. By wearing this Gutika, the person gets protected from the evil intentions of the enemies and gets protected from all the enemies. Every person must recite Bhairav Kavach in his continuous worship, so that Lord Bhairav protects him from the upcoming obstacles.

भैरव कवच | Bhairav Kavach

ॐ सहस्त्रारे महाचक्रे कर्पूरधवले गुरुः ।
पातु मां बटुको देवो भैरवः सर्वकर्मसु ॥

पूर्वस्यामसितांगो मां दिशि रक्षतु सर्वदा ।
आग्नेयां च रुरुः पातु दक्षिणे चण्ड भैरवः ॥

नैॠत्यां क्रोधनः पातु उन्मत्तः पातु पश्चिमे ।
वायव्यां मां कपाली च नित्यं पायात् सुरेश्वरः ॥

भीषणो भैरवः पातु उत्तरास्यां तु सर्वदा ।
संहार भैरवः पायादीशान्यां च महेश्वरः ॥

ऊर्ध्वं पातु विधाता च पाताले नन्दको विभुः ।
सद्योजातस्तु मां पायात् सर्वतो देवसेवितः ॥

रामदेवो वनान्ते च वने घोरस्तथावतु ।
जले तत्पुरुषः पातु स्थले ईशान एव च ॥

डाकिनी पुत्रकः पातु पुत्रान् में सर्वतः प्रभुः ।
हाकिनी पुत्रकः पातु दारास्तु लाकिनी सुतः ॥

पातु शाकिनिका पुत्रः सैन्यं वै कालभैरवः ।
मालिनी पुत्रकः पातु पशूनश्वान् गंजास्तथा ॥

महाकालोऽवतु क्षेत्रं श्रियं मे सर्वतो गिरा ।
वाद्यम् वाद्यप्रियः पातु भैरवो नित्यसम्पदा ॥

।। इति भैरव कवच ।।

बटुक भैरव आह्वान मंत्र 108 बार

भैरव रक्षा कवच हिन्दी

भैरव कवच के लाभ:

भैरव कवच बहुत ही शक्तिशाली कवच है, यह कवच समस्त तंत्र मन्त्र, भूत प्रेत, शत्रु बाधा, टोना-टोटका, वशीकरण आदि से व्यक्ति की रक्षा करता हैं। इस कवच के पाठ से व्यक्ति के जीवन से विघ्न बाधायें दूर होती है और उसके रुके हुए, बिगड़े कार्य बनने लगते हैं। यदि किसी व्यक्ति पर कोई काले जादू, बुरी नज़र का प्रभाव हैं, जिससे उसे बेवजह किसी न किसी बात से भय लगा रहता हैं, उसे अपने आस-पास बार-बार किसी के होने का एहसास होता हैं, जो उसे नुकसान पहुँचाना चाहते हैं, जिसके कारण उसे रात में भयानक सपने आ रहे हैं और नींद भी ठीक से नही आ रही हैं, तो ऐसे में उस व्यक्ति को भैरव कवच का पाठ अवश्य ही करना चाहिए

इस कवच का पाठ करने से, समस्त भूत प्रेत बाधाओं से रक्षा होने लगती हैं और आंतरिक भय दूर होता हैं। अगर कोई व्यक्ति जिसके शत्रुओं ने उसे जुआ, शराब, सिगरेट आदि जैसी बुरी आदतों में डाल दिया हैं, वह इन सभी नशों और बुरी आदतों से पीछा छुड़ाना चाहता हैं, परन्तु बहुत कोशिश करने के बाद भी छुटकारा प्राप्त नही कर पा रहा हैं, तो ऐसे में उसे भैरव कवच का पाठ करने के साथ भैरवी गुटिका अवश्य ही धारण करनी चाहिए। इस गुटिका को धारण करने से शत्रुओं के बुरे इरादों से बचाव होने लगता हैं तथा समस्त शत्रुओं से रक्षा होती हैं। प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वे नित्य पूजा में भैरव कवच का पाठ अवश्य ही करे, जिससे भगवान भैरव उसकी आने वाली बाधाओं से उसकी रक्षा कर करें।